मंडलेश्वर में महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
📝 खरगोन से ब्यूरो चीफ अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अखिलेश जोशी के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडलेश्वर सुश्री प्रीति जैन ने मंडलेश्वर में ए.डी.आर. सेंटर के सभाकक्ष में पैनल लॉयर्स एवं पी.एल.वी. के लिए ऑफलाइन/ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री प्रीति जैन ने कहा कि भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों के संरक्षण के लिए महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 बनाया गया है। इस अधिनियम का उद्देष्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकना उसका निषेध और निवारण करना है। समिति जॉंच के बाद कार्यवाही कर सकती है। यदि जांॅच में आरोप गलत पाया जाता है अर्थात किसी महिला द्वारा किसी व्यक्ति को जानबूझकर द्वेष पूर्ण तरीके से फॅंसाने की साजिश की जाती है तो ऐसी महिला पर भी कार्यवाही की जा सकती है। इस अधिनियम के अंतर्गत संगठित व असंगठित दोनों क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाएॅ सम्मिलित है। कार्यस्थल पर अगर किसी महिला का यौन उत्पीड़न होता है तो वह उसकी शिकायत आंतरिक समिति या नोडल अधिकारी जैसी भी स्थिति हो तो कर सकती है। सभी पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वालेंटियर्स को निर्देशित किया कि वे सभी इस कानून की जानकारी देकर महिलाओं का मार्गदर्शन करे।
इस प्रशिक्षण सत्र में विधिक सेवा प्राधिकरण के एलएडीसीएस डिप्टी चीफ रूपेश शर्मा, असिस्टेंट सुश्री निशा कौशल, पैनल लॉयर धीरेन्द्र चैहान, पीएलवी दुर्गेश राजदीप, देवदत्त एक्कल, धीरेंद्र खेड, सुनीता भालसे, नेहा बाथवे, हिमांशी कुशवाह, मंजुला मंडलोई, रानी मालवीया सहित पैनल लॉयर्स एवं पीएलवी ऑनलाइन जुड़े।